Join Us On WhatsApp
BISTRO57

जमीन के लिए पोता ने जिंदा दादा को मृत घोषित कर दिया..

For the sake of land, grandson declared his living grandfath

Nalanda :- एक सनसनीखेज मामला नालंदा जिला से सामने आया है, जहां सरकारी तंत्र की मिलीभगत से सिलाव अंचल कार्यालय में भ्रष्टाचार की पोल खुल गई है, जिसमें संपत्ति की लालच में कलयुगी पोता ने जीवित दादा का मृत्यु प्रमाण पत्र बनवा उन्हें मुर्दा घोषित करा संपत्ति को दाख़िल ख़ारिज करा उसे अपने नाम करा लिया गया है. 

 इसकी लिखित शिकायत राजगीर अनुमंडलीय एसडीओ ओमकेश्वर को दिए और जांच कर इंसाफ़ का मांग किए. मामला सिलाव नगर पंचायत के वार्ड सख्या 4 सिलाव डीह निवासी स्व. गुरुप्रसाद के पुत्र विभुती महतो जो अभी जिंदा हैं. इनके दो पुत्र है. एक स्व. अरविंद कुमार और जयप्रकाश कुमार. यह कारनामा स्व. अरविंद कुमार के पुत्र राजीव रंजन के द्वारा किया गया है. पीड़ित विभूति प्रसाद ने कहा कि मैं अभी ज़िंदा हूं, मेरा पोता राजीव रंजन अंचल कार्यालय के कर्मचारी और अधिकारी से मिलकर मेरा मृत्यु प्रमाण पत्र फ़िर उन्हीं की मिली भगत से सारा जमीन अपने नाम करा लिया है. जब उसकी जानकारी उन्हे लगी तो उन्होंने इसकी छानबीन करने लगा, तो पता चला की जमीन दाखिल खारिज कर दी गई है, जिसका वाद सख्या 1956/2024-2025 है.

 वहीं इस संबंध में सिलाव के अंचलाधिकारी आकाश दीप ने कहा कि हम कुछ दिनों की छुट्टी पर थे, राजस्व पदाधिकारी प्रीती कुमारी उनके द्वारा ये दाखिल खारिज की गई होगी. जब राजस्व पदाधिकारी प्रीती कुमारी से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने कहा की नगर पंचायत मेरे क्षेत्राधिकारी से बाहर है. मैं दाखिल खारिज नहीं की हूं, अब सवाल उठता है की इस तरह का धंधा किसने किया? सिलाव में इस तरह के कई मामले मिल जाएंगे. आए दिन संपत्ति विवाद को लेकर हत्याएं हो रही है, फिर भी अधिकारी अवैध उगाही के चलते गलत करने से बाज नहीं आ रहे हैं. आम तौर पर दाखिल खारिज करने में तीन से चार महीने से ज़्यादा का समय लगता है, मगर विभुती महतो की दाखिल खारिज मात्र 15 दिन के अंदर कर दिया गया, इससे साफ जाहीर होता है कि इस दाखिल खारिज कर मोटी रकम का लेन देन किया गया है. अब सबसे बड़ा सवाल कि इस मामले का दोषी कौन है और उसपर क्या कार्रवाई की जाएगी 


bistro 57

Scan and join

darsh news whats app qr
Join Us On WhatsApp