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यूनिक बूथों पर दिखेगी झारखंड की संस्कृति, झारखंड के छऊ नृत्य से लेकर नशा मुक्ति के संदेश के थीम पर बने हैं मतदान केंद्र....

Jharkhand Election Booths on Theme Based

रांची :  विधानसभा चुनाव 2024 के प्रथम चरण में 15 जिलों में कुल 43 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होने जा रहें हैं । मतदान करने में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इस उद्देश्य से हर मतदान केंद्र को मॉडल बूथ के रूप में तैयार किया गया है। हर मतदान केंद्र पर बिजली, पेयजल, रनिंग वाटर, शेड, दिव्यांगजनों एवं वृद्धजनों के लिए रैंप एवं व्हीलचेयर के साथ उनकी सहायता के लिए वॉलेंटियर की भी व्यवस्था की गई है। 

मतदाताओं को सहूलियत पहुंचाने एवं मतदान के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से प्रथम चरण के निर्वाचन में ऐसे बूथ बनाए गए हैं जहां महिला मतदाताओं की संख्या अधिक है वहां कुल 1152 महिलाओं द्वारा मैनेज्ड बूथ बनाए गए हैं। वहीं 24 बूथ दिव्यांगजनों एवं 23 युवा मतदानकर्मियों द्वारा मैनेज्ड बूथ तैयार किए गए हैं। 

मतदाताओं को आकर्षित करने एवं स्थानीय महत्व को दर्शाने के उद्देश्य से इन 15 जिलों में कुल 50 बूथों को यूनिक बूथ के रूप में सुसज्जित किया गया है। इसमें स्थानीय कलाकृतियों, परम्पराओं, मान्यताओं एवं विशेषताओं को रेखांकित करने के उद्देश्य से बूथों को सुसज्जित किया जा रहा है, ताकि मतदान के उपरांत मतदाताओं में इसकी एक अच्छी याद बनी रहे। 

इसी उद्देश्य से रांची के तमाड़ में चिपबंधीडीह स्थित बूथ को आदिवासी थीम पर सुसज्जित किया गया है। वहीं बालिका उच्च विद्यालय बरियातु को हॉकी के थीम पर सजाया गया है। हजारीबाग में जंगलों से घिरे बूथ को प्राकृतिक सौंदर्य से सुसज्जित करने का कार्य किया गया है। संत कोलंबस कॉलेज स्थित बूथ को सबसे पुराना बूथ होने के कारण यूनिक बूथ की कैटेगरी में रखा गया है। रामगढ़ के पतरातु के छावनी परिषद उत्क्रमित मध्य विद्यालय में झोपड़ी से सुसज्जित किया गया है। जबकि , उत्क्रमित मध्य विद्यालय उचरिंगा को पतरातु टूरिज्म के रूप में विकसित किया गया है। गोला के राज्य संपोषित +2 उच्च विद्यालय गोला को कृषि के थीम पर विकसित किया गया है। चतरा में उत्क्रमित उच्च विद्यालय लावालौंग में "Yes to Vote No to Drugs" थीम पर विकसित किया गया है। गिरिडीह में 11 ऐसे बूथ तैयार किए गए हैं, जो मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए स्थानीय संस्कृति के आधार पर तैयार किए गए हैं। छऊ नृत्य के लिए प्रसिद्ध बोकारो एवं सरायकेला के ऐसे बूथ भी हैं, जिन्हें छऊ नृत्य के दृश्यों से सुसज्जित किया गया है। इसके साथ ही सभी जिले में आदिम समूहों की बहुलता वाले बूथों पर इससे संबंधित थीम पर बूथों को सुसज्जित किया गया है। लोहरदगा में पोषक वन के रूप में सुसज्जित किया गया है।

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