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मालविका बंसोड़ ने गजब कर दिया कमाल, दर्ज की ऐतिहासिक जीत

Malvika Bansod did amazing, recorded a historic victory

उभरती हुई भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी मालविका बंसोड़ ने जर्मनी के सारब्रकेन में आठवीं वरीयता प्राप्त डेनमार्क की जूली डावाल जैकबसेन को सीधे गेम में हराकर हाइलो ओपन सुपर 300 टूर्नामेंट के महिला एकल के फाइनल में प्रवेश किया. भारत की दिग्गज महिला शटलर पीवी सिंधु और साइना नेहवाल के बाद सारब्रकेन भारत के बाहर वुमेंस सिंगल्स में BWF वर्ल्ड टूर सुपर 300+ फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय बनीं. हाइलो ओपन में जूली जैकबसेन को मालविका ने 23-21, 21-18 से हराया और एक ऐतिहासिक जीत दर्ज की.

वहीं मैच की अगर बात करें तो, टूर्नामेंट की छठी वरीयता प्राप्त मालविका ने जैकबसेन को 44 मिनट तक चले मैच में 23-21, 21-18 सेमात दी. मैच के दोनों ही सेट करीबी रहे. मालविका खिताबी मुकाबले में डेनमार्क की सातवीं वरीयता प्राप्त मिया ब्लि चफेल्ड से भिड़ेंगी. हालांकि, गैर वरीयता प्राप्त भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी आयुष शेट्टी को निराशा हाथ लगी जो पुरुष एकल सेमीफाइनल में फ्रांस के चौथे वरीय क्रिस्टो पोपोव से हारकर बाहर हो गए. विश्व रैंकिंग में 51वें स्थान पर काबिज शेट्टी ने अच्छी शुरुआत की. लेकिन, फिर लय खो बैठे जिससे उन्हें दुनिया के 28वें नंबर के फ्रांसीसी प्रतिद्वंद्वी से 17-21 13-21 से हार का सामना करना पड़ा. दोनों खिलाड़ियों के बीच यह पहली भिड़ंत थी.

मालविका बंसोड़ के बारे में बात करें तो, 23 वर्षीय मालविका नागपुर की रहने वाली हैं. वे पिछले 5 साल से लगातार प्रोफेशनल बैडमिंटन खेल रही हैं. हालांकि, अभी तक कोई बड़ा खिताब उनके हाथ नहीं लगा है, लेकिन जब वे BWF वर्ल्ड टूर सुपर 300+ फाइनल में खेलेंगी तो अपना नाम उन महान हस्तियों के साथ लिखवा सकती हैं, जिन्होंने ये खिताब जीता है. मालविका बंसोड़ ने 2019 में मालदीव और नेपाल इंटरनेशनल जैसे अंतरराष्ट्रीय खिताब जीते हैं, लेकिन कोई इस तरह का टूर्नामेंट नहीं जीता है, जिससे उनको ज्यादा लाइमलाइट मिले. मालविका बंसोड़ ने जूनियर और सीनियर कैटेगरी में राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में कई स्वर्ण पदक जीते हैं.

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