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बिहार की नीतीश सरकार ने 7 वें राज्य वित्त आयोग का किया गठन, जानें डिटेल..

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Patna :- बिहार की नीतीश सरकार ने 7 वें राज्य वित्त आयोग का गठन कर दिया गया है. 1972 बैच के सेवानिवृत्त IAS अधिकारी अशोक कुमार की अध्यक्षता में तीन सदस्य आयोग का गठन किया गया है, जिसमें सेवानिवृत अधिकारी  अनिल कुमार और पटना विश्वविद्यालय की सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. कुमुदिनी सिन्हा को सदस्य बनाया गया है. इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है.

  बिहार पंचायत राज अधिनियम, 2006 की धारा 168 और बिहार नगर पालिका अधिनियम, 2007 की धारा 71 के प्रावधानों के तहत साथ में राज्य वित्त आयोग का गठन किया गया है.यह आयोग जिला परिषद, नगर निगम और पंचायतों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा कर सरकार को अपनी अनुशंसा रिपोर्ट सौंपेगी. आयोग स्थानीय निकायों की वित्तीय स्थिति की जांच करेगा और उनके वित्त को मजबूत करने के लिए नीतियों और उपायों की सिफारिश करेगा, जिसमें नगर निगम, नगर परिषद और नगर पंचायतों की वित्तीय स्थिति की समीक्षा की जाएगी. आयोग को 31 मार्च 2026 तक अपने अनुशंसा रिपोर्ट सौंपना होगा  सपना का मौका मिलेगा.पंचायतों और नगर पालिकाओं को सौंपे जाने वाले या उनके जरिए विनियोजित किए जाने वाले करों, शुल्कों और फीसों का निर्धारण करेगा. राज्य की संचित निधि से पंचायतों और नगर पालिकाओं को सहायता अनुदान की समीक्षा करेगा. आयोग अपने निष्कर्षों का आधार निर्दिष्ट करेगा और पंचायतों और नगर पालिकाओं की प्राप्तियों और व्यय का अनुमान प्रदान करेगा और फिर उस पर अपनी सिफारिश सरकार से करेगा.  

 बताते चलें कि भारत के सभी राज्यों में राज्य वित्त आयोग की स्थापना साल 1993 में हुई थी. यह संवैधानिक निकाय है. इसकी स्थापना 73वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1992 के तहत की गई थी. इसके बाद से राज्य सरकारे समय-समय पर वित्त आयोग का गठन करती है.


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