Patna :- बिहार में होने वाली विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी एनडीए और मुख्य विपक्षी दल महागठबंधन के साथ अब तीसरा विकल्प बनने की कोशिश कर रहे प्रशांत किशोर की पार्टी के लिए आज का दिन काफी अहम है, क्योंकि नीतीश कुमार के खास रहे आरसीपी सिंह अपनी पार्टी 'आप सबकी आवाज' का विलय जनसुराज पार्टी में करने जा रहे हैं.
इसके लिए आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा जिले के कल्याण बिगहा में जनसभा का आयोजन किया जा रहा है. प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र से विधानसभा चुनाव के शंखनाद की घोषणा की थी, इसको लेकर आज जनसभा का आयोजन किया गया है और इसी जनसभा में आरसीपी सिंह अपनी पार्टी का विलय प्रशांत किशोर की जनसुराज पार्टी में करेंगे. प्रशांत किशोर और आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खास सहयोगी रह चुके हैं, दोनों के एक मंच पर आने के बाद नीतीश कुमार के कुछ कम खास लोग भी उन्हें झटका देकर इधर आ सकते हैं.
बता दें कि आरसीपी सिंह की पार्टी के शुरू में आरजेडी से भी गठबंधन करने की चर्चा हो रही थी लेकिन अब आरसीपी सिंह ने प्रशांत किशोर के साथ जाने का फैसला किया है, प्रशांत किशोर अपनी पार्टी की स्थापना के पहले से ही राजद के खिलाफ हमलावर रहे हैं, इसलिए अब माना जा रहा है कि अगले विधानसभा चुनाव में त्रिकोणीय संघर्ष हो सकता है. अब राजद और जदयू की नजर इस बात को लेकर है कि आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर के एक मंच पर आने के बाद क्या उनकी पार्टी से भी लोग बाहर निकल कर जनसुराज को ज्वाइन करते हैं!
बताते चलें कि आरसीपी सिंह एक आईएएस अधिकारी रहे हैं, नीतीश कुमार के केंद्र में मंत्री रहते हुए उनके संपर्क में आए और फिर अधिकारी की नौकरी छोड़ नीतीश कुमार की पार्टी के साथ आ गए. काफी दिनों तक वे पार्टी में नंबर दो की हैसियत में रहे. वे राज्यसभा के सांसद भी बने और मोदी सरकार में मंत्री भी , केंद्र में मंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार से उनकी दूरी बढ़ने लगी और बाद में उन्हें जदयू से बाहर होना पड़ा. उन्होंने बीजेपी ज्वाइन की, पर नीतीश कुमार के दबाव में बीजेपी ने उन्हें खास काम नहीं दिया, फिर उन्होंने अपनी अलग पार्टी बनाई लेकिन वे अकेले ज्यादा कुछ नहीं कर पा रहे थे यही वजह है कि अब वह प्रशांत किशोर के साथ आ रहे हैं, जबकि प्रशांत किशोर रणनीतकार के रूप में बिहार समेत कई राज्यों में विभिन्न पार्टियों के साथ काम कर चुके हैं. उन्होंने जदयू भी ज्वाइन किया था और नीतीश कुमार ने पार्टी का उपाध्यक्ष भी बनाया था लेकिन बाद में मतभेद होने पर प्रशांत किशोर ने जेडीयू छोड़ दिया और फिर एक साल तक पूरे बिहार के पैदल यात्रा की और जनसुराज पार्टी बनाई है. विधानसभा चुनाव को लेकर काफी मेहनत इस पार्टी द्वारा की जा रही है, अब देखना है कि आरसीपी सिंह और प्रशांत किशोर के एक मंच पर आने के बाद बिहार की राजनीति में किस तरह का असर पड़ता है.