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ट्रम्प और जेलेंस्की के बीच तीखी बहस पर बंट गया विश्व, अब यूक्रेन का क्या होगा..

The world is divided over the heated debate between Trump an

Desk:- उम्मीद के साथ अमेरिका दौरा पर आए  यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की को निराशा हाथ लगी है उन्हें व्हाइट हाउस से बिना खाना खा ही निकलना पड़ा. अब यूक्रेन के विरोध और समर्थन में कई देशों ने बयान दिया है.

 बताते चलने कि शुक्रवार को डोनाल्ड ट्रंप के साथ हुई यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की की बैठक पूरी तरह असफल रही है। ओवल ऑफिस में ट्रंप से बहस के बाद जेलेंस्की को व्हाइट हाउस से जाने के लिए कह दिया गया। इस मुलाकात के मुद्दे यानी रूस-यूक्रेन युद्ध और अमेरिका से खनिज सौदे पर कोई बात नहीं बन सकी। यूक्रेनी राष्ट्रपति को काफी खराब माहौल में वाइट हाउस से निकलना पड़ा। यहां तक कि उनको खाना भी नहीं मिल सका। 


 अमेरिकी दौरे पर आए  यूक्रेनी डेलीगेशन को उम्मीद थी कि खनिज सौदे पर हस्ताक्षर हो जाएंगे और यात्रा को खराब होने से बचाया जा सकेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज ने जेलेंस्की को व्हाइट हाउस छोड़ने के लिए कह दिया। ऐसे में जेलेंस्की को खाली हाथ वहां से जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।उन्होंने अपने दो सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द कर दिए।


 यूक्रेनी राष्ट्रपति के साथ बैठक के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि जेलेंस्की ने ओवल ऑफिस का अपमान किया है। वह तब वापस आ सकते हैं, जब वह शांति के लिए तैयार हों। व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमारी योजना खनिज सौदे पर हस्ताक्षर करना और आर्थिक साझेदारी की शुरुआत करना था ताकि शांति की ओर बढ़ा जा सके। बहस तब शुरू हुई जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति वेंस ने कहा कि रूस के साथ बातचीत ही शांति का एकमात्र रास्ता है।इस पर जेलेंस्की ने नाराजगी जताते हुए कहा कि पुतिन ने पहले के समझौतों का उल्लंघन किया है। उन्होंने वेंस से पूछा कि आप किस कूटनीति की बात कर रहे हैं। इस पर वेंस और ट्रंप दोनों ने जेलेंस्की पर बदतमीजी का आरोप लगाया। जेलेंस्की ने बोलने की कोशिश की तो ट्रंप और वेंस के तेवर और आक्रामक हो गए। ट्रंप ने जेलेंस्की पर तीसरे विश्व युद्ध को न्योता देने तक का आरोप लगा दिया।

व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा कि जेलेंस्की उपराष्ट्रपति वेंस की बात मानकर आगे बढ़ सकते थे लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। एक और बात ने ट्रंप को नाराज किया, वहां जेलेंस्की का सूट नहीं पहनना था, जबकि ट्रंप के सलाहकारों ने जेलेंस्की की टीम को कई बार कहा था कि वाइट हाउस आते समय सूट पहन लें। जेलेंस्की का व्हाइट हाउस में सूट पहनकर नहीं पहुंचना भी ट्रंप को अच्छा नहीं लगा।


 इस तीखी बहस के बाद अमेरिका के यूक्रेन को सैन्य समर्थन वापस लेने की भी चर्चा शुरू हो गई है।वहीं इस मुद्दे पर विश्व के अलग-अलग देशों ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. रूस का कहना है कि जेलेंस्की का बर्ताव बिल्कुल ठीक नहीं था और उनके खराब रवैये के बावजूद ट्रंप ने संयम दिखाया है। रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि ट्रंप और वेंस ने जेलेंस्की पर हाथ ना उठाकर बहुत ज्यादा संयम दिखाया है।वहीं यूरोप ने खुलकर यूक्रेन का समर्थन किया है।फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने यूक्रेन के साथ एकजुटता दिखाते हुए रूस की निंदा की है। उन्होंने कहा, 'रूस हमलावर है और यूक्रेन पीड़ित है। मुझे लगता है कि हम सब तीन साल पहले यूक्रेन की मदद करने और रूस पर प्रतिबंध लगाने के लिए सही थे तो हमें अब भी ऐसा करना जारी रखना चाहिए। हम यानी अमेरिका, यूरोपीय, कनाडा, जापान और दूसरे देश। हमें यूक्रेनियों का सम्मान करना चाहिए, जो अपनी स्वतंत्रता और यूरोप की सुरक्षा के लिए लड़ रहे हैं।

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