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लोकसभा चुनाव 2024 से पहले फिर चर्चे में श्रीराम, क्या बिहार में बनेगी विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा...

 Before the Lok Sabha elections 2024, Shriram again in discu

2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले, भगवान श्रीराम एक बार फिर चर्चा में आ गए हैं. फरवरी माह में माता अहिल्या के उद्धार स्थली अहिरौली में हुए सनातन संस्कृतिक समागम के दौरान मंच से स्थानीय सांसद सह केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने, 1008 फीट ऊंची भगवान श्री राम की पराक्रमी मुद्रा में प्रतिमा लगाने की घोषणा की थी, जिसका सर्वे होना शुरू हो गया है. 5 दिन पहले नागपुर से आई टीम सर्वे कर लौट गई है. जिसके बाद महागठबंधन के नेताओं ने साफ शब्दों में कह दिया है कि, बक्सर में भगवान राम की प्रतिमा नहीं लगेगी. विपक्ष के कड़े तेवर के बाद भारतीय जनता पार्टी के सदस्यीय टीम के नेताओं ने प्रेस वार्ता कर महागठबंधन के नेताओं पर तंज कसते हुए पूछा कि भारत में श्रीराम की प्रतिमा नहीं लगेगी तो क्या? पाकिस्तान में लगाया जाए.

क्या कहते हैं BJP के नेता

भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष भोला सिंह के नेतृत्व में, पार्टी के 5 सदस्य टीम के नेताओं ने प्रेस वार्ता कर, कड़े शब्दों में महागठबन्धन के नेताओं को जवाब देते हुए कहा कि, बक्सर में ही हर हाल में विश्व की सबसे बड़ी भगवान श्री राम की पराक्रमी मुद्रा में प्रतिमा का स्थापना होगा. विपक्ष इसकी चिंता छोड़ दें कि, उसके लिए जमीन भागलपुर से आएगा या बक्सर के लोग देंगे. 

पार्टी नेता राणा प्रताप सिंह को भी दी चेतावनी

इस दौरान जिला अध्यक्ष ने भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष राणा प्रताप सिंह को भी साफ शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि, इससे पहले पार्टी के जिला अध्यक्ष वही थे, उस दौरान पद पर रहते हुए पार्टी का नीति सिद्धांत उनको बहुत अच्छा लग रहा था और आज सवाल उठा रहे हैं कि 10 साल में जिस सांसद ने केंद्रीय विद्यालय के लिए 5 एकड़ भूमि की व्यवस्था नहीं की. वह भगवान राम की प्रतिमा स्थापना के लिए 50 एकड़ भूमि की व्यवस्था कैसे करेंगे. इसकी चिंता वह छोड़ दें, जल्द ही पार्टी से उनको भी बर्खास्त किया जाएगा.

कांग्रेस ने कहा- 'यह यूपी नहीं बिहार है'

भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के इस बयान के बाद, स्थानीय सदर कांग्रेस विधायक संजय तिवारी उर्फ मुन्ना तिवारी ने बयान जारी करते हुए कहा कि, यह यूपी का अयोध्या नहीं, बिहार का बक्सर है. जहां भगवान राम की नहीं, माता जानकी की प्रतिमा लगना होगा तो लगेगा, जो हमारे बिहार के हैं और नारी शक्ति का प्रतीक है. अयोध्या में जिस मंदिर को बनवाने का राग बीजेपी के नेता अलाप रहे हैं. उसका सबसे पहले दरवाजा देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी ने ही खोलवाया था और वह मन्दिर भाजपा के नेताओं ने नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बना है और उसमें काम हो रहा है. देश में टमाटर 150 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. इस बात की उन्हें चिंता नहीं है. बस टमाटर बेचने का नाटक कर फोटो खिंचवा रहे हैं. 

गौरतलब है कि, भगवान श्रीराम की कर्मस्थली बक्सर में 1008 फीट ऊंची प्रतिमा लगाने की घोषणा केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे के द्वारा किया गया है. जिसका महागठबंधन के नेताओं के द्वारा विरोध किया जा रहा है. महागठबंधन के नेताओं की माने तो प्रतिमा स्थापना में जितना पैसा खर्च होगा. उससे इस जिले के स्कूल, कॉलेज, अस्पतालों को बेहतर बनाया जा सकता है. मंदिर, मस्जिद, मूर्ति बनवाना सांसद विधायक का काम नहीं है. यह संत महात्माओं का काम है.

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