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स्कूली शिक्षा के मामले में नीचे से चौथे स्थान पर बिहार, अफसर और मंत्री में चल रहा 'पत्र युद्ध', क्या करेंगे नीतीश?

bihar education system index

बिहार में शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. दोनों एक-दूसरे की हैसियत बताने पर आमादा है. इसे लेकर बिहार की फजीहत पूरे देश में हो रही है. लेकिन बिहारियों को यह भी जान लेना बेहद ही जरूरी है कि हमारे राज्य की शिक्षा व्यवस्था देश में किस पायदान पर है. डेटा की मानें तो बिहार का एजुकेशन सिस्टम का प्रदर्शन ग्रेडिंग इंडेक्स (Performance Grading Index) 2021-22 में दूसरी अंतिम कैटेगरी में रखा गया है. ये इंडेक्स केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग की ओर से जारी किया गया है.


बिहार का स्थान अरुणाचल, मेघालय और मिजोरम से ऊपर 


आपको बता दें कि बिहार, झारखंड, असम और ओडिशा सहित कम से कम 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने ग्रेड-2 (स्कोर 461 और 520 के बीच) हासिल किया. बिहार को 465 अंक मिले हैं. ग्रेड-2 उन राज्यों को दिया जाता है जो कुल अंक का 11 से 20% के बीच स्कोर करते हैं. केवल तीन राज्य- अरुणाचल प्रदेश, मेघालय और मिजोरम ने बिहार से कम स्कोर किया और उन्हें पीजीआई में ग्रेड-3 श्रेणी में रखा गया.


इस आधार पर हुआ बिहार का PGI इंडेक्स


पीजीआई एक माध्यम है भारतीय स्कूल शिक्षा प्रणाली में बेहतरी दिखाने का. पीजीआई का लक्ष्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में स्कूली शिक्षा की स्थिति के बारे में जानकारी प्रदान करना है. नई पीजीआई में 73 इंडिकेटर शामिल हैं, जो डिजिटल पहल और शिक्षक शिक्षा को शामिल करने के अलावा गुणात्मक मूल्यांकन पर अधिक ध्यान केंद्रित करते हैं.  इस प्रकार पीजीआई के पिछले संस्करण में राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की ओर से प्राप्त ग्रेड/स्तर इस नए संस्करण में प्राप्त ग्रेड/स्तर से तुलनीय नहीं हैं.


'बेहतर होना चाहिए शिक्षक-छात्र अनुपात'


विभिन्न डोमेन के तहत बिहार की ओर से मिले अंकों में सीखने के परिणाम और गुणवत्ता में 240 में से 64.4, छात्रों की हाजिरी में 80 में से 41.80, बुनियादी ढांचे और सुविधा में 190 में से 41.0, इक्विटी में 260 में से 218.4, शासन प्रक्रियाओं में 130 में से 39.1 शामिल हैं. शिक्षक शिक्षा और प्रशिक्षण में 100 में से 60.3.



एक हिन्दी पोर्टल की खबर के अनुसार बिहार में स्कूली शिक्षा को दिए गए 'बहुत खराब' ग्रेड पर टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकांश स्कूलों में शिक्षक-छात्र अनुपात का खराब होना उनके प्रदर्शन पर असर डाल रहा है. यहां तक कि जो शिक्षक वर्तमान में स्कूलों में कार्यरत हैं, उन्हें भी हमेशा विभिन्न गैर-शिक्षण कार्य सौंपे जाते हैं, जो शिक्षा की गुणवत्ता पर प्रतिकूल प्रभाव डालते हैं.

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