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वर्तमान जेएसएससी अध्यक्ष नीरज सिन्हा के इस्तीफा पर लगा बीजेपी लग रही है सवालिया निशान कहा सारे 4 साल के कार्यकाल में केवल छात्रों का भविष्य बेचने का काम करती रही है...

BJP on JSSC

जेएसएससी सीजीएल पेपर लीक मामले में बीजेपी विधायक अमित मंडल ने  राज्य सरकार पर साधा निशाना । अमित मंडल ने कहा कि जेएसएससी का नया नाम झामुमो के लिए सर्विस और कमीशन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि 2019 से अब तक झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग और झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा ली गई सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की सीबीआई जांच होनी चाहिए। अमित मंडल ने चंपई सोरेन सरकार पर युवाओं के साथ धोखा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि नियुक्ति नियमावली, नियोजन नीति और भाषा विवाद को लेकर क्या हुआ यह किसी से छुपा नहीं है। अमित मंडल ने कहा कि जेपीएससी-जेएसएससी के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी शुरुआत से ही सड़क से सदन तक लड़ती रही है। 

अमित मंडल ने राज्य सरकार पर बीजेपी कार्यकर्ताओं के ऊपर लाठीचार्ज और संगीन धाराओं में गलत मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पेपर लीक और ब्लैक लिस्टेड एडेंसियों के साथ सरकार के लोगों की मिलीभगत का साक्ष्य जनता देख रही है। उन्होंने कहा कि प्रतियोगिता परीक्षा विधेयक युवाओं की आवाज दबाने की सोची-समझी साजिश है। प्रावधानों से ऐसा लगता है कि जो घोटालों के खिलाफ बोलेगा वह जेल जायेगा। उन्होंने कहा कि 2019 में ठाणे (महाराष्ट्र) में रेलवे रिक्युरेटमेंट बोर्ड पेपर लीक मामले में सतवत इंफोसोले प्रा.लि. को दोषी माना गया था। 2017 में ऑर्डिनेंस फैक्ट्री (त्रिचि) नियुक्ति घोटाले में सीबीआई ने इस कंपनी को सीबीआई ने चार्जशीट में शामिल किया था। बावजूद इसके लैब असिस्टेंट और जेपीएससी-पीजीटी परीक्षा कराने का जिम्मा उक्त कंपनी को दिया गया।

अमित मंडल ने आरोप लगाया कि जेएसएससी-जेई परीक्षा कराने वाली बिन्सी टेक्नोलॉजी बिहार में ब्लैक लिस्टेड है। यह एजेंसी बिहार में सिपाही भर्ती घोटाले में शामिल रही है। 7वीं-10वीं जेपीएससी परीक्षा कराने वाली आईसीएन इंडियन प्रा.लि., बिहार में बैन है। 

*अमित मंडल द्वारा रखी गई मांगे* 

JSSC CGL के साथ साथ लैब असिस्टेंट, PGT एवं JSSC- JE की भी सीबीआई से जांच कराई जाय।

 राज्य सरकार बताए कि ब्लैक लिस्टेड एजेंसी को किस प्रकार कमीशन द्वारा नियुक्ति परीक्षा के लिए बहाल किया गया।

 क्या सरकार आंदोलन कर रहे सारे युवाओं के ऊपर चार्ज FIR को वापस लेगी क्योंकि यह प्रमाण हो गया है कि गलतियां एजेंसी एवं विभाग द्वारा हुई है।

JSSC- तत्कालीन अध्यक्ष, विभागीय पदाधिकारियों के ऊपर कार्यवाई करायेगी या नही?

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