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झारखंड में डॉक्टर्स की हड़ताल खत्म, आरोपियों की हुई गिरफ्तारी, मेडिकल सेवाएं फिर हुई जारी

Doctors strike ends in Jharkhand, accused arrested, medical

झारखंड में 15 हजार से ज्यादा सरकारी और गैर सरकारी डॉक्टर्स ने हड़ताल को वापस ले लिया है. दरअसल, एमजीएम में आरोपियों की गिरफ्तारी की सूचना मिली. जिसके बाद सभी डॉक्टर्स ने हड़ताल को खत्म करने का फैसला लिया. बता दें कि, सुबह 6 बजे से ही राज्यभर के 15 हजार से ज्यादा सरकारी और गैर सरकारी डॉक्टर्स का हड़ताल जारी था. डॉक्टर एमजीएम जमशेदपुर के शिशुरोग विशेषज्ञ डॉ. कमलेश उरांव के साथ हुई मारपीट की घटना का विरोध कर रहे थे. इसके साथ ही मेडिकल सेवाएं बंद थी, केवल इमरजेंसी सेवाएं ही जारी थी. लेकिन, अब हड़ताल वापस लेने के बाद एक बार फिर से मेडिकल सेवाएं बहाल हो गई है. इस मामले में घोषणा IMA सचिव प्रदीप सिंह ने की है.

डॉक्टर्स के साथ मारपीट से जुड़ा है मामला 

बता दें कि, यह पूरा मामला जमशेदपुर मेडिकल कॉलेज में हुए डॉक्टर्स से मारपीट से जुड़ा हुआ है. इसके विरोध और मेडिकल प्रोटेक्शन बिल के प्रति सरकार के शिथिल रवैये को लेकर हड़ताल पर जाने का यह निर्णय लिया गया था. दरअसल, हुआ ये कि 19 सितंबर को जमशेदपुर मेडिकल कॉलेज के पीआईसीयू वार्ड में काम कर रहे पीजी मेडिकल के छात्र डॉ. कमलेश उरांव के साथ मारपीट हुई थी. जिसके विरोध में डॉक्टर्स यह निर्णय लिया था. झारखंड प्रदेश आईएमए के सचिव डॉ. प्रदीप सिंह का कहना था कि, अब डॉक्टर्स के साथ हो रही मारपीट की घटना बर्दाश्‍त नहीं की जाएगी. मारपीट में शामिल लोगों को पुलिस गिरफ्तार नहीं करती है तो डॉक्टर्स कल से हड़ताल पर चले जाएंगे.

केवल इमरजेंसी सेवा रहेगी चालू 

वहीं, आईएमए के सचिव डॉ. प्रदीप सिंह ने बताया था कि, 21 सितंबर तक पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करती है, तो 22 सितंबर से झारखंड के 12 हजार से अधिक डॉक्टर्स इलाज नहीं करेंगे. इस दौरान सिर्फ इमरजेंसी सेवा जारी रहेगी. घटना हुए दो दिन बीत चुके हैं, लेकिन अब तक अपराधियों को नहीं पकड़ा गया है. डॉक्टर का यह भी कहना था कि, मारपीट का वीडियो प्रशासन के पास है. लेकिन, इन सब के आरोपियों पर कार्रवाई नहीं की गई. डॉक्टर्स ने इसे साफ तौर पर प्रशासन की विफलता बताया था. 

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