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झारखंड विधानसभा में फिर जोर-शोर से उठा पेपर लीक का मुद्दा, विपक्ष ने किया जबरदस्त हंगामा

Issue of paper leak again raised loudly in Jharkhand Assembl

झारखंड विधानसभा का हंगामेदार बजट सत्र जारी है. इस बीच आज एक बार फिर से झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन की ओर से आयोजित कॉमन ग्रेजुएशन लेवल परीक्षा पेपर लीक के मुद्दे पर झारखंड विधानसभा में जोरदार हंगामा हुआ. सोमवार को मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों ने इस मुद्दे पर सदन को ठप कर दिया. सोमवार (26 फरवरी) को सदन के अंदर और बाहर भाजपा विधायकों ने जमकर हंगामा किया. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही मुख्य विपक्षी दल के विधायक सदन में खड़े होकर हंगामा करने लगे. उन्होंने जेएसएससी सीजीएल परीक्षा पेपर लीक मामले की सीबीआई (केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो) से जांच कराने की मांग की. स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने विपक्ष को समझाने का काफी प्रयास किया, लेकिन विपक्ष के सदस्य शांत नहीं हुए.

विपक्ष ने जोर-शोर से की नारेबाजी

इसके साथ ही विधायकों ने शोर-शराबा और नारेबाजी बंद नहीं की और वेल में घुस आए. स्पीकर ने बार-बार उनसे आग्रह किया कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखें. सदस्य अपनी सीट पर जाएं, लेकिन विपक्ष के लोग मानने के लिए तैयार नहीं थे. इसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 12:30 बजे तक स्थगित कर दी. सदन में भाजपा के नेता विरंची नारायण ने सबसे पहले इस मुद्दे को उठाया. उन्होंने कहा कि जेएसएससी की परीक्षा देने वाले बच्चे सड़क पर हैं. परीक्षाएं होतीं हैं. उसके पेपर लीक हो जाते हैं. युवाओं का भविष्य दांव पर है. मामले की सीबीआई से जांच होनी चाहिए. सरकार ने जांच के लिए एसआईटी बनाई है, लेकिन एसआईटी बड़े लोगों तक नहीं पहुंच पाएगी.

अमर बाउरी ने की सीबीआई जांच की मांग 

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने पुरजोर तरीके से जेएसएससी सीजीएल पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग की. उन्होंने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह सब सरकार के संरक्षण में हो रहा है. पेपर लीक के कुछ आरोपी सदन में भी मौजूद हैं. इस पर सत्ता पक्ष की तरफ से मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि सरकार ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है. वह अपनी जांच कर रही है. आलमगीर आलम ने यह भी कहा कि, एसआईटी की जांच रिपोर्ट आने के बाद उसके आधार पर सरकार आगे की कार्रवाई तय करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार ने पेपर लीक जैसे मामलों को रोकने के लिए कानून भी बनाया है. विपक्ष को एसआईटी की जांच रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए. सरकार को भी उसका इंतजार है. दोषी लोगों को बख्शा नहीं जाएगी.

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