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झारखंड आंगनबाड़ी सेविकाएं अपनी मांगों को लेकर, केंद्र सरकार और राज्य सरकार से अपनी स्थाई करण, वेतन बढ़ोतरी,रिटायरमेंट और पेंशन की मांग को लेकर गुहार लगा रहे हैं और केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए बताया कि मांगे पूरी नहीं की जाती है तो यह आने वाले 2024 के चुनाव में सत्ता परिवर्तन के साथ-साथ वोट का भी बहिष्कार करने से पीछे नहीं रहेंगे।

Jharkhand Primary school Workers

झारखंड प्रदेश आंगनवाड़ी वर्कर्स यूनियन के महासम्मेलन में अपनी मांगों को लेकर झारखंड आंगनबाड़ी की सभी सेविकाएं उपस्थित हुई। जिनमे देश के कई हिस्सों और झारखंड के सभी जिलों के आंगनबाड़ी केंद्र से सेविकाएं एकत्रित हुई। इनका उद्देश्य केंद्र सरकार और राज्य सरकार से अपनी स्थाईकरण, वेतन बढ़ोतरी, रिटायरमेंट, पेंशन की मांग और उन्हें सरकारी कर्मचारी का अधिकार मिले। सेविकाओं ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनकी मांगे पूरी नहीं की जाती है तो वे आने वाले 2024 के चुनाव में सत्ता परिवर्तन के साथ-साथ वोट का बहिष्कार करने से पीछे नहीं रहेंगे।

झारखंड प्रदेश आंगनवाड़ी वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष बालमुकुंद सिन्हा ने आंगनबाड़ी सेविकाओं की आर्थिक स्थिति को उजागर किया और बताया कि 48 साल पहले स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने आंगनबाड़ी की शुरुआत गांव के बच्चों को शिक्षित करने, गर्भवती महिला और वृद्ध महिला को सुविधा देने के लिए शुरू किया था। इसी सोच के साथ आज देश में 17 लाख आंगनबाड़ी केंद्र और 34 लाख आंगनबाड़ी सेविका सहायिका कार्यरत है। इन सभी की मांगों को केंद्र सरकार तक पहुंचाने के लिए हमने घोषणा पत्र जारी किया है जिसे इस वर्ष बजट में शामिल करना होगा यदि ऐसा नहीं होता है तो हमारा आंदोलन जारी रहेगा और सरकार के कई हजार वोट कम हो जायेंगे।

बिहार आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की कुमारी गीता ने कहा कि भारत पुरुष प्रधान देश है और यहां पुरुषों का ताकत चलता है हम सड़क पर चिल्लाते रहेंगे लेकिन सरकार ध्यान नहीं देगी। यहां आंगनबाड़ी सेविकाएं ने कोरोना, फाइलेरिया, मलेरिया जैसी बड़ी बड़ी बीमारियों में पुरषों, बच्चों, महिलाओं और वृद्धों को घर घर सेवा प्रदान की है। हम सभी सेविकाओं युद्ध स्तर पर कोरोना कल में लोगों की मदद के लिए आगे आए है इसलिए हमारी मांगे पूरी होनी चाहिए।

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