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झामुमो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का झारखंड की धरती पर फिर से स्वागत किया है, मगर इस चुनावी मौसम में उनसे झारखंड से जुड़े चार अहम सवालों का जवाब मांगा है....

JMM on PM Modi

झारखंड में हिंदु-मुस्लिम और मंगलसूत्र नहीं चलेगा, झारखंड के अपने अहम सवाल हैं, जिसका राज्य के आदिवासी-मूलवासी, ग्रामीण उनसे चाहते हैं। उक्त बातें पार्टी महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कार्यालय में आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन के दौरान कही...

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि प्रधानमंत्री आदिवासी अस्मिता से जुड़े सवालों पर उनका स्टैंड क्लीयर करने की मांग की है. जिसमें सरना धर्म कोड प्रमुख है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मांग को लेकर क्या विचार रखते हैं, उनका क्या सोचना है. इसका जवाब उन्हें देना होगा. जनजातीय गौरव की बात करने वाले पीएम का असली चेहरा पूरी दुनिया में देख लिया, जब एक आदिवासी राष्ट्रपति को हाथ बांधे खड़ा किया और खुद कुर्सी पर बैठकर खिलखिलाते रहे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह बताना होगा, क्या छत्तीसगढ़ हसदेवा जंगल में अडाणी के प्रवेश के बाद पौंडाहाट, सांरडा और कोल्हान में अडाणी का प्रवेश कराने के लिए वन अधिकार कानून में संसोधन किया गया. इसमें ग्राम सभा के पावर को शिथिल क्यों किया गया. क्या कोल्हान की धरती में भी पूंजीपतियों को आमर्ड फोर्स के साथ उतारा जाएगा और कोल्हान क्षेत्र में अडाणी या अन्य पूंजीपतियों को घुसाकर आदिवासी-मूलवासी और ग्रामीणों को उजाड़ा जाएगा,

प्रधानमंत्री मोदी को बताना होगा कि कोल वेयरिंग एक्ट में क्यों संशोधन किया गया. इसमें सोशल इंफेक्ट और एनवायरमेंट इंपैक्ट पार्ट को क्यों हटाया गया. क्या उनकी मंशा झारखंड के माइनिंग क्षेत्र का डेमोग्राफी को बदलने की साजिश तो नहीं है. ताकि उन क्षेत्रों में बाहरी आबादी और पूंजीपतियों का प्रवेश हो सके. इस एक्ट से भी ग्राम सभा को शिथिल कर दिया गया है, 10 साल में एचईसी कैसे बर्बाद हुआ, क्या कोई बड़ा प्लान है सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि 10 साल पहले तक एचईसी की स्थिति अच्छी थी. दस साल में ऐसा क्या हुआ कि एचईसी बर्बाद हो गया. एचईसी मनी रत्न इंडस्ट्रीज के रूप में जाना था. यह झारखंड ही नहीं पूरे एशिया की बड़ी कंपनी हुआ करती थी. लेकर केंद्र सरकार का बड़ा प्लान क्या है. इसका खुलासा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को करना होगा।

सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि इलेक्शन कमीशन … के तीन बंदर की भूमिका में है. उसे न कुछ दिखाई देता है, न सुनाई देता है न कुछ बोल पाता है. राहुल गांधी के बयान के जिस मामले में कांग्रेस को नोटिस हुआ है, वह आर्थिक नीति पर था. मगर प्रधानमंत्री का बयान आपराधिक मामले का था. इसके बावजूद इलेक्शन कमीशन ने सीधे पीएम को नोटिस न करते हुए भाजपा अध्यक्ष को नोटिस भेजा. भट्टाचार्य ने कहा कि मोदी के दो हाथ हैं, बांए हाथ में अंबानी और दाएं हाथ में अडाणी, इलेक्शन कमीशन भले ही 400 की जगह 800 सीट का जीत प्रमाण पत्र दे दे, मोदी जनता की नजर में चुनाव हार चुके हैं, भट्टाचार्य ने कहा कि इलेक्शन कमीशन कितनी भी सहुलियत प्रधानमंत्री को प्रदान कर दें. क्योंकि वर्तमान में मोदी जी कार्यवाहक पीएम की भूमिका में हैं. पद के हिसाब से उन्हें सुरक्षा भी प्रदान है. मगर वे एक प्रत्याशी भर हैं. इलेक्शन कमीशन भले ही 400 की जगह 800 सीट का प्रमाण पत्र छपवा कर उन्हें दे. मगर प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी चुनाव हार चुके हैं. जनता की नजर में भी वे हार चुके हैं।

भट्टाचार्य ने कहा कि झारखंड की धरती वीर भूमिपुत्रों की रही है. आंदोलनकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों की रही है. वे जेल चले गए, शहीद हो गए मगर कभी तानाशाही के आगे हार नहीं मानी. अब झारखंड के आदिवासी-मूलवासियसों की आवाज रहे हेमंत सोरेन को जेल भेजकर अगर मोदी जी सोच रहे हैं कि हम डर गए या डरा देंगे तो यह भूल है. हम झारखंडी संघर्ष करने वाले हैं, संघर्ष जारी रहेगा. मगर झारखंड और झारखंडी कभी झुकेगा नहीं.

भट्टाचार्य ने भाजपा पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि यह लोग पढ़ते-लिखते नहीं हैं क्या. जो सवाल हमसे पूछ रहे हैं, उन्हें इलेक्शन कमीशन और एयरपोर्ट अथॉरिटी से पूछना चाहिए. एयरपोर्ट अथॉरिटी ने कहा कि हमारे सारे जगह बुक हैं, चौपर रखने की जगह नहीं मिल सकती है. इसके बाद खेल गांव में बनाया गया, वह भी इलेक्शन कमीशन के परमिशन के बाद...

एक सवाल के जवाब में भट्टाचार्य ने कहा कि हमने स्टार प्रचारकों की सूची एक अप्रैल को इलेक्शन कमीशन भेजी थी. चूंकि अभी हेमंत सोरेन को बेल को लेकर कानूनी प्रक्रिया चल रही है. हो सकता है कि उन्हें बेल मिल जाए. इलेक्शन कमीशन के रूल्स के अनुसार, बीच में किसी को स्टार प्रचारक नहीं बनाया जा सकता है. इसलिए हेमंत सोरेन का नाम डाला गया. रही बात चमरा लिंडा की तो एक अप्रैल तक उनके चुनाव लड़ने की बात नहीं थी. 29 अप्रैल को नाम वापसी की अंतिम तिथि है. इसके बाद इनके बारे में विचार किया जाएगा।

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