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CM Nitish पर बरसे सुशील मोदी, शराबबंदी पर जिद छोड़ने की दी नसीहत

Sushil Modi lashed out at CM Nitish, advised him to give up

बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से घिर गए हैं. कुछ दिनों पहले ही बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून को लेकर थोड़ी बहुत ढील दी, जिसके बाद अब बीजेपी उन पर हमलावर हो गई है. दरअसल, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने ट्विटर के जरिए सीएम नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साध दिया है. इसके साथ ही शराबबंदी को पूरी तरह फेल बताया है. साथ ही शराबबंदी संबंधी 4 लाख मुकदमे को वापस लेने की मांग कर दी गई है.  

सुशील मोदी ने ट्विट कर लिखा कि, पूर्ण मद्यनिषेध कानून को छह साल में जब इतना शिथिल कर दिया गया कि यह बेअसर हो चुका है, तब राज्य सरकार को शराबबंदी संबंधी 4 लाख से ज्यादा मुकदमों को वापस लेते हुए आम माफी का एलान भी कर देना चाहिए. शराबबंदी संबंधी मुकदमे वापस लेने से जहां दलित, पिछड़े और अतिपिछड़े वर्ग के लाखों गरीबों को राहत मिलेगी, वहीं अदालतों पर मुकदमों का बोझ कम होगा. शराबखोरी के चलते जो लोग पहली बार जेल गए, उन्हें रिहा किया जाना चाहिए. 

इसके साथ ही सुशील कुमार मोदी ने यह भी कहा कि, पहले  शराब पायी जाने पर वाहन जब्त करने का नियम था, फिर इसे शिथिल करते हुए वाहन बीमा राशि का 50 फीसद जुर्माने के तौर पर भरकर वाहन छोड़ने का नियम बना. अब बीमा राशि का मात्र 10 फीसद जमा कर शराब ले जाते पकड़ा गया वाहन छुड़ाया जा सकता है. नियमों में लगातार नरमी से भी साफ है कि राज्य सरकार पूर्ण शराबबंदी लागू करने में विफल है.  2016 में एक बोतल शराब मिलने पर मकान और वाहन जब्त करने का कानून था. आज  शराब माफिया के दबाव में मामूली जुर्माना लगाने पर आ गए. 

इस दौरान सुशील मोदी ने गुजरात जैसी व्यवस्था बिहार में लागू करने की मांग की. उन्होंने कहा कि, अब बिहार में गुजरात की तरह परमिट व्यवस्था लागू करनी चाहिए, ताकि बीमार लोगों को मेडिकल ग्राउंड पर और पर्यटकों के लिए सीमित मात्रा में शराब की आपूर्ति आसान हो सके. यदि अपनी जिद छोड़ कर नीतीश कुमार शराब की परमिट व्यवस्था लागू करें, तो राजस्व बढेगा, तस्करी पर अंकुश लगेगा और पर्यटन उद्योग में रोजगार के अवसर भी बढेंगे.

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