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दारोगा की दादागिरी के खिलाफ पीड़ितों परिवार ने दिया धरना, लगाया मनमानी का आरोप

The victims' family staged a sit-in against the police offic

बक्सर एसपी कार्यालय पर अचानक एक दर्जन से ऊपर लोग हाथों में तख्तियां लेकर धरने पर बैठ गए. जिसमें आधा दर्जन लोगों के सिर पर पट्टी बंधी थी. शरीर के कपड़े खून से भींगे हुए थे. हांथ में लिए तख्तियों पर लिखा था कोरान सराय के दरोगा मनीष कुमार मुर्दाबाद, कोरान सराय थानाध्यक्ष मुर्दाबाद. पीड़ितों का आरोप है कि, जमीन विवाद में हुए मारपीट के बाद मनीष कुमार द्वारा अपने मनमुताबिक आवेदन पर दबाव में हमसे साइन करवा कर केस को कमजोर किया गया है जबकि दूसरे पक्ष के आवेदन पर हम पर 379 और आर्म्स एक्ट की धाराएं लगाकर हमें बुरी तरह से फंसाने का प्रयास किया जा रहा है. हालांकि, बक्सर एसपी जरूरी मीटिंग में आग लगने के कारण पीड़ितों से नहीं मिल पाए लेकिन धरने की सूचना पाकर दोबारा एसडीपीओ अख्तर अंसारी मौके पर पहुंचे. जिसके बाद उन्होंने बातचीत कर हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है. साथ ही जांच में दोषी पाए जाने पर दारोगा पर भी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.

मारपीट की सूचना पर नही पहुंची पुलिस 

एसपी कार्यालय के पास पीड़ितों के साथ धरने पर बैठे राम इकबाल सिंह द्वारा बताया गया कि, यह झगड़ा 7 डिसमिल जमीन को लेकर है. मामला कोरान सराय थाना क्षेत्र के दखीनवा गांव का है. जहां परशुराम सिंह और सुमन सिंह के बीच काफी दिनों से जमीन का विवाद चला आ रहा है. सुमन कुमार के पक्ष द्वारा जमीन की मापी भी नहीं करने दिया जा रहा है. साथ ही जमीन पर जो पिलर गाड़ा गया है, उसे भी उखाड़ा जाने लगा. जिस पर विवाद बढ़ गया और मारपीट होने लगा. आरोप है कि, सुमन सिंह के पक्ष द्वारा लाठी-डंडे और लोहे की रॉड से प्रहार कर परशुराम सिंह के साथ इनके पक्ष के अजय सिंह, ओमप्रकाश सिंह, ज्योति प्रकाश सिंह, सिद्धार्थ सिंह, पार्वती देवी को मारकर लहूलुहान कर दिया गया और सोने की चेन और मंगलसूत्र छीनने का भी आरोप लगाया गया है. जिनका इलाज पहले अनुमंडल अस्पताल, उसके बाद वहां से रेफर करने के बाद सदर अस्पताल में चल रहा है. हालांकि, पुलिस सूचना के बाद भी इन घायलों से मिलने न घर पहुंची और ना हॉस्पिटल.

दूसरे पक्ष द्वारा भी गंभीर आरोप

वहीं, दूसरे पक्ष के सुमन कुमार सिंह के FIR के अनुसार परशुराम सिंह के पक्ष पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं. बताया गया है कि, घर में वे हथियार से लैस होकर घुस गए. घर की महिलाओं को जिसमें चांदमुनि देवी, कौशल्या देवी, सुशीला देवी को लाठी-डंडे से मार कर घायल कर दिया गया. वहीं, आवाज सुनकर घर का सदस्य प्रदीप जो बाहर खड़ा था, वह अंदर गया. जिसके बाद उसे भी लोहे के रॉड से मारकर सर फोड़ दिया गया. लूटपाट और छिनतई का आरोप लगाया गया है.

क्या कहते हैं अधिकारी 

डुमरांव अनुमंडल एसडीपीओ अफाक अख्तर अंसारी द्वारा बताया गया कि, अभी पता चला है कि इस मामले में विधि सम्मत कार्रवाई नहीं की गई है. आरोप FIR बदलने का भी लगाया जा रहा है. इस संबंध में हमारे इंस्पेक्टर हैं विमल दास जी उनको मैंने निर्देश दे दिया है. मेडिकल प्राप्त करके जो भी विधि सम्मत धाराएं होगी उसमें जोड़ देंगे. वहीं, मनीष कुमार की मिल रही शिकायत के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा कि, मैं अभी 2 महीने पहले आया हूं. देखता हूं अगर इस तरह का कुछ होता है तो उन पर भी कार्रवाई की जाएगी.

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